Home » Latest News » अदालतों को नियमित रूप से सीबीआई जांच का आदेश नहीं देना चाहिए : उच्चतम न्यायालय

अदालतों को नियमित रूप से सीबीआई जांच का आदेश नहीं देना चाहिए : उच्चतम न्यायालय

Facebook
Twitter
WhatsApp



उच्चतम न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक अदालतों द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच का आदेश नियमित रूप से नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि इस संबंध में शक्तियों का इस्तेमाल संयमित एवं सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें उत्तर प्रदेश विधान परिषद के कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने का निर्देश दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई को जांच का निर्देश देने के लिए निहित शक्तियों का प्रयोग संयमपूर्वक, सावधानीपूर्वक और केवल असाधारण स्थितियों में ही किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत ने लगातार यह चेतावनी दी है कि सीबीआई जांच का आदेश सामान्य रूप से या केवल इसलिए नहीं दिया जा सकता कि किसी पक्ष ने राज्य पुलिस पर संदेह व्यक्त किया हो या उसके प्रति अविश्वास जताया हो।’’

उसने कहा, ‘‘संबंधित अदालत को यह संतुष्टि होनी चाहिए कि प्रस्तुत सामग्री से प्रथम दृष्टया अपराध का संकेत मिलता है और निष्पक्ष व निष्कलंक जांच सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई जांच आवश्यक है या फिर मामला इतना जटिल, व्यापक या राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव डालने वाला है कि केंद्रीय एजेंसी की विशेषज्ञता जरूरी हो जाती है।’’

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सीबीआई जांच का आदेश अंतिम उपाय के रूप में देखा जाना चाहिए और ऐसा तभी उचित है जब संवैधानिक न्यायालय को यह विश्वास हो जाए कि जांच प्रक्रिया की निष्पक्षता या शुचिता पर गंभीर आंच आई है।

न्यायालय ने यह भी कहा कि संवैधानिक अदालतों को इतना न्यायिक संयम अवश्य बरतना चाहिए कि वे सीबीआई जैसी विशेष एजेंसी पर अनावश्यक रूप से ऐसे मामलों का बोझ न डालें, जो असाधारण मामलों की श्रेणी में नहीं आते।


#अदलत #क #नयमत #रप #स #सबआई #जच #क #आदश #नह #दन #चहए #उचचतम #नययलय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टॉप स्टोरी

ज़रूर पढ़ें

Verified by MonsterInsights