भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार (17 अक्टूबर, 2025) को जोरावर लाइट टैंक से नाग मार्क-2 (Nag Mk II) एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) की मारक क्षमता के सफल प्रदर्शन के बाद इसकी तारीफ की है. रक्षा मंत्री ने जोरावर लाइट टैंक के विकास को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की प्रमुख उपलब्धि बताते हुए डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी है.
रक्षा मंत्री कार्यालय ने एक्स पर किया ट्वीट
रक्षा मंत्री के कार्यालय ने शुक्रवार (17 अक्टूबर, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में कहा, ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने महत्वपूर्ण रक्षा प्रोद्योगिकी में आत्मनिर्भरता में बड़ी बढ़त हासिल की है. DRDO के कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिस्मेंट (CVRDE) ने जोरावर लाइट टैंक के विकास में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है.’ जोरावर लाइट टैंक को डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड ने इसका निर्माण किया है.
In a major boost to Atmanirbharta in the critical defence technology, CVRDE DRDO achieved a major milestone in the development of Light Tank (designed and developed by DRDO and manufactured by Larson & Toubro Ltd.) by demonstrating the Anti Tank Guided Missile (Nag Mk II) Firing… pic.twitter.com/At9nFR3g25
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 17, 2025
रक्षा मंत्री कार्यालय ने कहा, ‘संस्थान ने जोरावर लाइट टैंक से नाग एमके-II एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की फायरिंग क्षमता का सफल प्रदर्शन किया और रेंज, टॉप अटैक मोड में संचालन क्षमता और सटीकता के साथ सभी प्रदर्शन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी.’
माउंटेन टैंक के नाम से जाना जाता है ‘जोरावर’
डीआरडीओ की ओर से विकसित किए गए जोरावर लाइट टैंक को माउंटेन टैंक के नाम से भी जाना जाता है, जिसे DRDO ने मुख्य रूप से चीन की नींद उड़ाने के लिए विकसित किया है. चीन की नींद उड़ाने वाले इस टैंक का वजन मात्र 25 टन है. जिसमें 750 हॉर्स पावर के दमदार इंजन इंस्टॉल किया गया है. यह एक लाइट टैंक है, जो किसी भी मोर्चे पर दुश्मन के लिए शामत बन सकता है. इसकी खास बात यह है कि इस टैंक को हवाई जहाज और हेलिकॉप्टर के जरिए आसानी से चीनी सीमा पर पहुंचाया जा सकता है. इसके अलावा यह खुद भी पहाड़ों पर चढ़ने में सक्षम है.
इस टैंक से गोले दाग सकते हैं, मशीनगन चलाई जा सकती है. वहीं, इस माउंटेन टैंक से 105 मिलीमीटर की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल भी दागी जा सकती है. लेकिन अब इस कड़ी में नाग मार्क-2 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी शामिल हो गई है, जो दूर बैठे दुश्मन के आसानी से छक्के छुड़ा सकती है.
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