पाकिस्तान और सऊदी अरब ने 17 सितंबर को एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत दोनों देशों में से किसी एक पर हमला होने पर इसे दोनों पर हमला माना जाएगा. इस समझौते ने भारत सहित क्षेत्रीय और वैश्विक रणनीतिक समीकरणों में नई हलचल पैदा कर दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच सैन्य और राजनीतिक संबंध मजबूत होंगे, जबकि भारत के लिए सुरक्षा चुनौतियां भी बढ़ सकती हैं.
सऊदी अरब की महत्वाकांक्षा और पाकिस्तान की निर्भरता
जाने-माने पत्रकार ब्रह्मा चेलानी के अनुसार, यह समझौता पाकिस्तान की शक्ति का प्रतीक नहीं है, क्योंकि देश वित्तीय संकट की कगार पर है, बल्कि सऊदी अरब की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है. सऊदी अरब, पाकिस्तान के सैन्य और न्यूक्लियर संसाधनों का इस्तेमाल करके अपनी क्षेत्रीय पकड़ मजबूत करना चाहता है और यह संदेश भी दे रहा है कि वह अपनी रणनीति खुद तय करेगा.
Riyadh knew India would construe the Saudi-Pakistan mutual defense pact as a direct threat to its security, yet it went ahead. The move reflects not Pakistan’s strength — it remains on the brink of bankruptcy — but Saudi Arabia’s ambitions.
By binding a chronically dependent…
— Dr. Brahma Chellaney (@Chellaney) September 18, 2025
फैसले के पीछे छिपा है राजनीतिक संदेश
चेलानी ने यह भी कहा कि इस समझौते का मोदी के जन्मदिन के दिन होना संकेत देता है कि सऊदी अरब भारत की संवेदनाओं की परवाह किए बिना अपने राजनीतिक और रणनीतिक हितों को आगे बढ़ा रहा है. भारत ने सऊदी अरब के साथ बढ़ती रक्षा साझेदारी और संयुक्त सैन्य अभ्यासों के माध्यम से मजबूत रिश्ते बनाने की कोशिश की थी.
Modi has spent years wooing Saudi Arabia, upgrading ties to a comprehensive strategic partnership and making repeated visits, including a key trip in April. Yet, on Modi’s birthday, Crown Prince Salman delivered a nasty surprise: a Saudi–Pakistan mutual defense pact declaring…
— Dr. Brahma Chellaney (@Chellaney) September 18, 2025
पाकिस्तान को मिला नया समर्थन
विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन के अनुसार, पाकिस्तान ने यह समझौता ऐसे सहयोगी के साथ किया है जो भारत का भी महत्वपूर्ण साझेदार है. समझौते के बाद पाकिस्तान को चीन, तुर्की और अब सऊदी अरब जैसे तीन प्रमुख शक्तियों का समर्थन प्राप्त हो गया है. हालांकि, उनका मानना है कि यह समझौता भारत को पाकिस्तान पर हमला करने से नहीं रोकेगा, लेकिन पाकिस्तान की स्थिति मजबूत हो गई है.
Pakistan has not only inked a new mutual defense pact, it inked it with a close ally that’s also a top partner of India’s. This pact would not deter India from attacking Pakistan. But with 3 key powers-China, Turkey & now KSA-fully on Pak’s side, Pak is in a very good place.
— Michael Kugelman (@MichaelKugelman) September 18, 2025
क्षेत्रीय और वैश्विक रणनीतिक असर
इस समझौते से भारत, अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों के लिए नए सुरक्षा और कूटनीतिक परिदृश्य बने हैं. यह स्पष्ट करता है कि सऊदी अरब और पाकिस्तान मिलकर क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर असर डाल सकते हैं और अपने हितों के लिए सैन्य और राजनीतिक संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं.