यूरोपीय संघ (ईयू) के सभी 27 सदस्य देशों ने भारत के साथ यूरोपीय संघ के नए रणनीतिक एजेंडे का सर्वसम्मति से समर्थन किया है, जिसका उद्देश्य रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करना है.
यह नया दस्तावेज यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति की प्रतिनिधि काजा कल्लास की ओर से पिछले महीने जारी किया गया था. यूरोपीय संघ के अधिकारियों के अनुसार, ईयू के सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों वाली यूरोपीय परिषद ने सोमवार को सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया.
भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन
अगले साल की शुरुआत में नयी दिल्ली में आयोजित होने वाले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में इस नए रणनीतिक एजेंडे को अपनाए जाने की उम्मीद है. नए रणनीतिक एजेंडे में साझा हितों के पांच क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनमें सुरक्षा और रक्षा, संपर्क और वैश्विक मुद्दे, समृद्धि, स्थिरता, प्रौद्योगिकी और नवाचार शामिल हैं.
द्विपक्षीय आयामों से परे, नया रणनीतिक एजेंडा वैश्विक मुद्दों पर और तीसरे भागीदारों के साथ यूरोपीय संघ-भारत की संयुक्त भागीदारी पर प्रकाश डालता है, जो भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है. रक्षा स्तंभ के अंतर्गत, दस्तावेज में समुद्री सुरक्षा, साइबर रक्षा और आतंकवाद-रोध को सहयोग बढ़ाने के क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है.
त्रिपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर पहल
नए रणनीतिक एजेंडे में भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) जैसी क्षेत्रीय संपर्क पहल को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है और तीसरे देशों के साथ और उनके भीतर ‘ग्लोबल गेटवे’ और यूरोपीय संघ-भारत त्रिपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाया गया है.
यूरोपीय परिषद पर एक यूरोपीय बयान में भारत के साथ संतुलित, महत्वाकांक्षी, पारस्परिक रूप से लाभकारी और आर्थिक रूप से सार्थक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के प्रयासों का भी स्वागत किया गया है, जिसे दोनों पक्ष वर्ष के अंत तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य बना रहे हैं.
सतत विकास के प्रावधान शामिल
इसमें कहा गया, ‘इस तरह के समझौते में बेहतर बाजार पहुंच, व्यापार बाधाओं को दूर करना और सतत विकास के प्रावधान शामिल होने चाहिए.’ इसके अनुसार, ‘तेजी से जटिल होते भू-राजनीतिक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में, परिषद आपसी विश्वास और सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित सुरक्षा और रक्षा मामलों पर यूरोपीय संघ और भारत के बीच घनिष्ठ सहयोग का भी स्वागत करती है.’
परिषद ने सुरक्षा और रक्षा साझेदारी की स्थापना की दिशा में काम करने के इरादे पर भी ध्यान दिया, जो उपयुक्त होने पर रक्षा औद्योगिक सहयोग को भी सुगम बना सकता है. बयान में कहा गया है कि परिषद यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक युद्ध के सभी पहलुओं पर भारत के साथ बातचीत जारी रखेगी.
भारत की संयुक्त क्षमता और जिम्मेदारी पर जोर
इसमें कहा गया है कि परिषद बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, साथ ही बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, विशेष रूप से विश्व व्यापार संगठन की रक्षा के लिए यूरोपीय संघ और भारत की संयुक्त क्षमता और जिम्मेदारी पर भी जोर देती है.
इसमें कहा गया है, ‘लोकतांत्रिक मूल्यों और मानदंडों, अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों, जिनमें महिलाओं और बच्चों के अधिकार भी शामिल हैं, का संवर्धन और संरक्षण यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक एजेंडे का एक अभिन्न अंग है.’
ये भी पढ़ें:- हूतियों ने क्यों पकड़े यूएन के 24 कर्मचारी? अब लटकी फांसी की तलवार