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केंद्र सरकार की नीति पर सवाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- ‘योग्य महिलाओं को वायुसेना में नियुक्ति दें’

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दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि जब योग्य महिला उम्मीदवार मौजूद हैं तो एयर फोर्स के पद खाली छोड़ना अनुचित और भेदभावपूर्ण है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान आदेश देते हुए कहा कि एनडीए 2023 परीक्षा में सफल महिला उम्मीदवार अर्चना को तुरंत एक खाली पद पर नियुक्त किया जाए. 

मई 2023 में संघ लोक सेवा आयोग ने एनडीए परीक्षा के जरिए एयर फोर्स फ्लाइंग ब्रांच में 92 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था. इनमें से दो पद विशेष रूप से महिलाओं के लिए रिजर्व थे और बाकी 90 पर सभी योग्य उम्मीदवार पुरुष और महिला दोनों के लिए खुले थे. सिलेक्शन प्रक्रिया के बाद कुल 70 पुरुष और दो महिलाएं चुनी गई, लेकिन योग्य पुरुष उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में न मिलने के कारण 20 पद खाली रह गए. 

महिला उम्मीदवार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की अर्जी

महिला उम्मीदवार अर्चना, जो महिला मेरिड लिस्ट में सातवें स्थान पर थी, ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अर्जी में उनकी दलील थी कि जब पुरुष उम्मीदवार योग्य नहीं पाए गए और 20 पद खाली रह गए तो उन पदों पर योग्य महिला उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाना चाहिए. 

दिल्ली हाई कोर्ट की टिप्पणी

उन्होंने कहा कि केवल 2 महिलाओं की नियुक्ति करने और बाकी महिला उम्मीदवारों को नजरअंदाज करने का कोई औचित्य नहीं है. दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 90 पद केवल पुरुषों के लिए आरक्षित नहीं थे.

कोर्ट ने कहा कि ये पद सभी उम्मीदवारों के लिए खुले थे. आज के समय में पुरुष और महिला में भेदभाव करना न केवल अनुचित है, बल्कि कानून के खिलाफ भी है. जेंडर के आधार पर किसी को वंचित करना अब प्रासंगिक नहीं है. अब वह दौर खत्म हो चुका है, जब सेना में महिलाओं को पीछे रखा जाता था. 

दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश 

कोर्ट ने यहां तक कहा कि पुरुष और महिला के बीच का अंतर केवल जैविक है, नौकरी और अवसर में इसका कोई महत्व नहीं होना चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता अर्चना को तुरंत एयरफोर्स फ्लाइंग ब्रांच में एक खाली पद पर नियुक्त किया जाए. उन्हें पहले से चयनित 70 पुरुष और 2 महिला उम्मीदवारों के बराबर सभी सेवा, लाभ, वेतन और वरिष्ठता दी जाए.

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