हिजाब विवाद को लेकर चर्चा में आए कोच्चि के पल्लूरुथी स्थित सेंट रीटा हाई स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा है कि वह उस छात्रा का तहे दिल से स्वागत करेंगे, जिसे हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी गई थी. हालांकि, छात्रा के माता-पिता ने अपनी बेटी के तनाव में होने का हवाला देते हुए उसका दाखिला किसी और स्कूल में कराने का फैसला किया है जबकि स्कूल का कहना है कि अगर छात्रा नियमों का पालन करती है तो वह इसी स्कूल में पढ़ाई जारी रख सकती है.
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार पिछले हफ्ते यह स्कूल काफी विवादों में था. यहां आठवीं क्लास की एक छात्रा के पिता ने इस बात पर चिंता जताई थी कि उनकी बेटी को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी गई. निजी स्कूल प्रबंधन के अधिकारियों ने कहा कि यह उनके नियमों के विरुद्ध है. मामला तब और बिगड़ गया जब राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने जिला शिक्षा अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी.
छात्रा के पिता नियमों का पालन करने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन मंत्री के सख्त बयान के कारण छात्रा वापस नहीं लौटी. लड़की के माता-पिता अपनी बेटी को वापस भेजने में रुचि नहीं हैं. शुक्रवार (17 अक्टूबर, 2025) को राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने स्कूल प्रबंधन की ओर से स्थिति से निपटने के तरीके की कड़ी आलोचना की और उस पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.
पीटीआई के अनुसार छात्रा के पिता ने कहा, ‘हिजाब वाली घटना के बाद से मेरी बेटी बहुत तनाव में है. उसने साफ कह दिया था कि वह वहां नहीं जाना चाहती इसलिए हमने उसकी इच्छा का सम्मान करने का फैसला किया है.’ उन्होंने बताया कि उन्होंने छात्रा के दाखिले के लिए दूसरे स्कूलों से संपर्क किया है. उन्होंने कहा, ‘हम एक स्कूल से बातचीत कर रहे हैं जो उसे दाखिला देने के लिए राजी हो गया है लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि विवाद शुरू होने के बाद से न तो शिक्षकों और न ही सेंट रीटा स्कूल के प्रबंधन ने परिवार से संपर्क किया है. उन्होंने कहा, ‘मेरी बेटी पिछले दो दिन से स्कूल नहीं गई है और स्कूल ने हमसे कोई संपर्क नहीं किया है.’
उन्होंने उकसावे के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, ‘सरकार पर जानबूझकर दोष मढ़ने की कोशिश की जा रही है. प्रबंधन को राज्य को चुनौती देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाब देना होगा. शिवनकुट्टी के बयान के तुरंत बाद स्कूल की प्रिंसिपल ने मीडिया को बताया कि वह हाईकोर्ट और उनके कानूनी विशेषज्ञ को मदद के लिए धन्यवाद देना चाहती हैं.
प्रिंसिपल ने कहा, ‘हम शिक्षा मंत्री का भी धन्यवाद करना चाहते हैं. हमारा उद्देश्य अपने छात्रों का उत्थान करना है. हम एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन का भी धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया और हमारे विधायक के. बाबू, शॉन जॉर्ज का भी, जो इस मुद्दे के सामने आने पर हमारे पास आए.’
उन्होंने आगे कहा, टअगर छात्रा वापस आती है, तो हम सभी तहे दिल से उसका स्वागत करने के लिए तैयार हैं और आशा करते हैं कि सब कुछ अच्छा ही होगा. हम भारत और केरल की संस्कृति को बनाए रखने के लिए भारतीय शिक्षा पद्धति प्रदान करते हैं. पाठ्यक्रम के अलावा हम अपने छात्रों को मानवीय मूल्य और मानवता का महत्व भी सिखाते हैं. हम उन्हें पर्यावरण संरक्षण भी सिखाते हैं.’ प्रिंसिपल ने कहा, ‘कोर्ट के समक्ष कुछ मुद्दे हैं और इसलिए हम हमेशा कानूनी प्रणाली और सरकार का सम्मान करेंगे.’