कर्नाटक की राजनीति में फिर एक बार हलचल मच गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि उनके पिता का राजनीतिक करियर अंतिम चरण में है और उन्हें साथी नेताओं, जैसे PWD मंत्री सतीश जारकिहोली, के मार्गदर्शक के रूप में काम करना चाहिए.
शिवकुमार को लेकर सियासी अटकलें
पिछले महीने भी सिद्धारमैया को लेकर यह खबरें आई थीं कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ सकते हैं ताकि उनके डिप्टी डी.के. शिवकुमार को मौका मिल सके. हालांकि, सिद्धारमैया ने खुद यह खबरें खारिज की थीं और कहा था कि वह पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. कांग्रेस में अभी भी दो धड़े बने हुए हैं, एक सिद्धारमैया के समर्थन में और दूसरा शिवकुमार के समर्थन में हैं.
CM के बेटे यतींद्र ने क्या कहा?
बेलगावी में आयोजित एक कार्यक्रम में सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने कहा, “मेरे पिता का राजनीतिक करियर अंतिम चरण में है. इस समय उन्हें ऐसे नेता की जरूरत है जिनके मजबूत विचार और प्रगतिशील मानसिकता हो, ताकि वे उनका मार्गदर्शन कर सकें. सतीश जारकिहोली में यह क्षमता है.” यतींद्र ने स्पष्ट किया कि उनका यह बयान पिता के 2028 के बाद चुनाव न लड़ने के फैसले से जुड़ा था.
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यतींद्र के बयान सिद्धारमैया धड़े का संदेश है कि सत्ता इस समूह के पास ही बनी रहेगी और शिवकुमार को यह संकेत दिया गया है कि फिलहाल मुख्यमंत्री पद का मामला जल्दी नहीं उठाया जाएगा. डिप्टी मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा, “आपको यतींद्र से पूछना चाहिए कि उन्होंने क्या कहा. सिद्धारमैया और मैं स्पष्ट कर चुके हैं कि हम हाई कमांड की सुनेंगे और साथ काम करेंगे. मुझे किसी चर्चा की जरूरत नहीं है.” इस बयान के साथ कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर सत्ता संतुलन और भविष्य की योजनाओं को लेकर सियासी चर्चाएं जारी हैं.



