उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की फतेहपुर में दलित परिवार से मुलाकात को लेकर उन पर तीखा हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘‘घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस और गांधी खानदान की असलियत जनता जानती है।’’
रायबरेली जिले के ऊंचाहार क्षेत्र में फतेहपुर जिले के निवासी अनुसूचित जाति के हरिओम वाल्मीकि (40) की चोरी के शक में एक और दो अक्टूबर की दरम्यानी रात भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बाद में मारपीट और हरिओम के शव के वीडियो ऑनलाइन सामने आए, जिससे लोगों में व्यापक आक्रोश फैल गया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह फतेहपुर पहुंच कर वाल्मीकि परिवार से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया और भाजपा सरकार को दलित विरोधी बताया।
कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए मौर्य ने कहा, ‘‘राहुल गांधी लगातार निम्न स्तर का व्यवहार कर रहे हैं और वोट बैंक की ओछी राजनीति के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। वह वहां फोटो खिंचवाने गए थे। पीड़ित परिवार के दर्द को कम करने से उनका कोई लेना-देना नहीं है।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वाल्मीकि की हत्या करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और मामले में ‘‘और भी कार्रवाई’’ की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। मौत पर राजनीति करना कांग्रेस का काम है।’’
इससे पहले, मौर्य ने गांधी की फतेहपुर में वाल्मीकि परिवार से मुलाकात के कुछ देर बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राहुल गांधी जी आपको शर्म आनी चाहिए। यह आपका फोटो खिंचवाने का कार्यक्रम मात्र है।
पोस्ट में मौर्य ने कहा, ‘‘सबका साथ सबका विकास सबका सम्मान और सुरक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, संबंधित मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।”
उपमुख्यमंत्री ने राहुल पर तंज कसते हुए पोस्ट में कहा, “पीड़ित परिवार की पीड़ा से आपका कोई लेना देना नहीं है। नौटंकी बंद करो, घड़ियाली आंसू बहाने वाले कांग्रेस और गांधी खानदान की असलियत जनता जानती है।’’
प्रदेश सरकार में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता का उप्र दौरा राजनीतिक पर्यटन से ज्यादा कुछ नहीं।
मंत्री ने कहा कि यह जातिगत अपराध नहीं था और फतेहपुर में घटी यह घटना बेहद दुखद और संवेदनशील है, लेकिन इसे जाति से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “आरोपियों में सभी वर्गों के लोग हैं और किसी को भी पीड़ित की जाति की जानकारी नहीं थी। राहुल गांधी इसे जातिगत रंग देने की असफल कोशिश कर रहे हैं।
अरुण ने कहा कि सच्चाई यह है कि परिवार उनसे मिलने को तैयार नहीं हुआ और “जब मैं और कैबिनेट मंत्री राकेश सचान जी परिवार से मिले थे, तब परिवार पूरी तरह संतुष्ट था। उनकी नौकरी की मांग तत्काल पूरी की गई और न्याय भी मिला।”
मंत्री ने बताया कि इस सामूहिक हत्या में नामजद 21 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है और एक मुठभेड़ भी हुई है।
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