तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग संघों और विभिन्न राजनीतिक दलों के आह्वान पर शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) को हैदराबाद समेत मेडचल-मलकजगिरी, रंगा रेड्डी और विकाराबाद जिलों में आहूत बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. शनिवार (18 अक्टूबर) की सुबह से ही बंद को अधिकांश जगहों पर शांतिपूर्ण ढंग से देखा जा रहा है, लेकिन इसका सबसे अधिक असर आम जनजीवन और यातायात व्यवस्था पर देखने को मिला है.
शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था हो गई चौपट
इस बंद से तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) की बस सेवा पूरी तरह से प्रभावित हुई है. शहर के प्रमुख बस स्टेशनों जैसे सिकंदराबाद जेबीएस, महात्मा गांधी बस स्टेशन (एमजीबीएस), उप्पल, कुशाईगुड़ा, शादनगर, इब्राहिमपट्टनम, कुकटपल्ली, विकाराबाद, परिगी और तंदूर सहित अधिकांश डिपो से बसों को बाहर नहीं भेजा गया है. बसों के न चलने से शहर की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चौपट हो गई है.
बसों के संचालन न होने से ऑटो-रिक्शा और कैब में किराये में हुआ इजाफा
बसों के अभाव में रोजमर्रा के काम पर निकले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए महंगे निजी वाहनों, ऑटो रिक्शा और कैब सेवाओं का सहारा लेना पड़ रहा है. बढ़ी हुई मांग के चलते ऑटो और कैब चालकों की ओर से अत्यधिक किराया वसूलने की भी खबरें हैं, जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
बंदी से लोगों को अभी राहत मिलने के आसार नहीं
तेलंगाना में कई जिलों में बंद के दौरान बाजारों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी सन्नाटा पसरा रहा. हालांकि, अभी तक कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई है और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. आने वाले कुछ घंटों में बंद का और असर देखने को मिल सकता है और यात्रियों को राहत मिलने के कोई आसार तत्काल नजर नहीं आ रहे हैं.
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