Delhi Air Pollution: दिल्ली की दिवाली इस बार भी जहरीली धुंध में भी ढकी रही. आकाश में पटाखों की रोशनी के साथ ही हवा में प्रदूषण का स्तर आसमान छूने लगा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार शाम 4 बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 345 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. पिछले सालों की तुलना में 2025 का प्रदूषण स्तर और भी गंभीर साबित हुआ.
2025 का AQI पिछले वर्षों की तुलना में अधिक गंभीर रहा. 2024 में यह 330, 2023 में 218, 2022 में 312 और 2021 में 382 था. रातभर AQI 344 से 359 के बीच रहा और मंगलवार दोपहर तक औसत 351 दर्ज किया गया.
PM2.5 स्तर ने तोड़ा रिकॉर्ड
दिवाली की रात PM2.5 का स्तर 675 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया, जो पिछले चार सालों में सबसे अधिक है. 2024 में यह स्तर 609, 2023 में 570, 2022 में 534 और 2021 में 728 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया था. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दोपहर 4 बजे यह स्तर 91 माइक्रोग्राम था, जो रात 12 बजे तक लगातार बढ़कर 675 तक पहुंच गया. विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के कारण हवा की गति कम रही, जिससे प्रदूषक फैल नहीं पाए.
ध्वनि प्रदूषण भी चरम पर
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार, शहर के 26 में से 23 नॉइज मॉनिटरिंग स्टेशनों पर ध्वनि स्तर सीमा से ऊपर दर्ज हुआ. करोल बाग में रात 11 बजे 93.5 डेसिबल(A) की आवाज रिकॉर्ड की गई, जबकि अनुमत सीमा 55 डेसिबल(A) है. श्री औरोबिंदो मार्ग जैसे साइलेंस जोन में भी शोर स्तर 65 डेसिबल(A) तक पहुंच गया.
GRAP स्टेज II लागू, सुधार की उम्मीद
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने रविवार को GRAP स्टेज II लागू कर दिया. इसके अनुसार, परिवहन से 14.6%, नोएडा से 8.3%, गाज़ियाबाद से 6%, गुरुग्राम से 3.6% और पराली जलाने से 1% प्रदूषण हुआ. पूर्व सीपीसीबी अधिकारी दीपांकर साहा का कहना है कि हवा की गति बढ़ने से आने वाले दिनों में प्रदूषण में कमी आ सकती है.
AAP और BJP आमने सामने
वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली में राजनीतिक बहस भी तेज हो गई. केंद्रीय मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP पर आरोप लगाया कि पंजाब के किसानों को पराली जलाने के लिए उकसाया जा रहा है, जिससे दिल्ली की हवा और प्रदूषित हो रही है. इस पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने पलटवार किया और सिरसा को “अनपढ़” बताते हुए कहा कि पंजाब का AQI केवल 156 है, जिससे स्पष्ट है कि प्रदूषण का कारण कुछ और है. प्रदूषण और ध्वनि स्तर में वृद्धि के कारण दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है, और प्रशासन आने वाले दिनों में सुधार के लिए विशेष कदम उठा सकता है.