अखिलेश यादव के दिवाली पर दीयों और मोमबत्ती जलाने को लेकर दिए बयान से चौतरफा बवाल मचा है. बीजेपी नेताओं ने सपा अध्यक्ष को घेरना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार (19 अक्टूबर, 2025) को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि अखिलेश यादव का दिवाली पर दीये न जलाने का बयान निंदनीय है. यह त्योहार खुशी का प्रतीक है, यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाता है. ऐसे बयान उनकी हताशा को दर्शाते हैं.
अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि ये बहुत जल्दी गैंडियो की तरह ईसाई बनने जा रहे हैं. प्रभु श्री राम और कृष्ण को भी दिक्कत नहीं है. आप भी काहे परेशान हैं. हिंदू धर्म पे बोझ बहुत बढ़ गया है.
#WATCH | Delhi: On SP Chief Akhilesh Yadav’s statement, BJP Leader, Mukhtar Abbas Naqvi says, “… Akhilesh Yadav’s remark about not lighting lamps during Diwali is condemnable… The festival symbolises joy, it shows the cultural and religious diversity of India… Such… pic.twitter.com/iOInbe7Hh1
— ANI (@ANI) October 19, 2025
‘अखिलेश यादव का ये बयान चौंकाने वाला’
बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने अखिलेश यादव के बयान को एक्स पर रि-पोस्ट करते हुए लिखा कि अखिलेश यादव का यह बयान न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि हमारे त्योहारों के प्रति संवेदनहीनता भी दिखाता है. उन्होंने बताया कि सपा प्रमुख ने कहा है, “पूरी दुनिया में क्रिसमस पर शहर रोशनी से जगमगाते हैं, हमें उनसे सीखना चाहिए. दीए और मोमबत्तियों पर पैसा खर्च करने का क्या मतलब? सरकार को हटाना चाहिए हम और सुंदर लाइट्स लगाएंगे.”
ये बहुत जल्दी गैंडियो की तरह ईसाई बनने जा रहे हैं । प्रभु श्री राम और कृष्ण को भी दिक्कत नहीं हैं । आप भी काहे परेशान हैं हिंदू धर्म पे बोझ बहुत बढ़ गया हैं https://t.co/itrxa3R9Na
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) October 19, 2025
‘हिन्दू आस्था का अपमान है’
अमित मालवीय ने कहा कि दिवाली हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का प्रतीक है. यह सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देती है. दीए और मोमबत्तियां हमारी परंपरा का हिस्सा हैं, जिनमें घर-घर की भावना और श्रद्धा जुड़ी होती है. इन्हें “पैसे की बर्बादी” कहना न सिर्फ़ अनुचित है बल्कि हिन्दू आस्था का अपमान भी है. उन्होंने आगे लिखा कि त्योहारों की तुलना करने के बजाय अखिलेश यादव को भारत की विविध परंपराओं का सम्मान करना चाहिए. यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है.
‘उन्हें एंटनी या अकबर कहना चाहिए’
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने भी अखिलेश यादव पर निशाना साधा और दिवाली पर उनकी टिप्पणी पर सवाल उठाया. सारंग ने कहा, ‘अखिलेश नाम का व्यक्ति ऐसी बातें कैसे कह सकता है? मुझे लगता है कि उन्हें एंटनी या अकबर कहना चाहिए. मुझे हैरानी है कि कोई दिवाली की पूजा और दीये जलाने का विरोध कैसे कर सकता है.’
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