बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को यहां साधु-संतों के सम्मेलन धार्मिक न्यास समागम का उद्घाटन किया।
इस सम्मेलन का उद्देश्य सामाजिक सुधारों और समाज में कल्याणकारी उपायों को लागू करने में मंदिरों और मठों की भूमिका के बारे में संदेश का प्रसार करना तथा जागरूकता उत्पन्न करना है। इसका आयोजन बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद (बीएसआरटीसी) द्वारा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को यहां बापू सभागार में धार्मिक न्यास समागम का उद्घाटन किया। इस समागम में बड़ी संख्या में साधु-संत शामिल हो रहे हैं।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा बीएसआरटीसी के अध्यक्ष रणवीर नंदन भी मौजूद थे।’’
सीएमओ की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘‘इस एक दिवसीय सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य समाज में जागरूकता पैदा करने में मंदिरों और मठों की भूमिका को उजागर करना है। हमारा उद्देश्य यह है कि संत और महर्षि, आस्था को कायम रखते हुए, परंपरा की शाश्वत शक्ति से समाज को सशक्त करें…देश और समाज को एक नयी दिशा भी प्रदान करें।’’
यह सम्मेलन बीएसआरटीसी की पिछली उपलब्धियों की समीक्षा के लिए आयोजित किया गया है।बयान के अनुसार राज्य के 4,000 से अधिक पंजीकृत मंदिरों और मठों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। मंदिर और मठ न केवल आस्था और पूजा के केंद्र हैं बल्कि इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति और सामाजिक सुधार के गतिशील मंच के रूप में विकसित किया जाएगा।
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