आगरा की एक विशेष अदालत ने पांच साल की बच्ची के अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और निर्मम हत्या के जुर्म में दो दोषियों को मौत की सजा सुनाई है।
सरकारी वकील ने शुक्रवार को कहा कि अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम माना है।
पोक्सो अदालत की विशेष न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने अमित और निखिल नामक आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया और उन्हें मौत की सजा सुनाई।
सरकारी वकील सुभाष गिरी और विजय किशन लवानिया के मुताबिक, दोनों पर कुल 4.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जो पीड़िता के माता-पिता को मुआवज़े के तौर पर दिया जाएगा।
अदालत ने कहा कि फिरौती के लिए अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों के लिए कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए। अभियोजन पक्ष ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि होने तक मौत की सज़ा पर अमल स्थगित रहेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, पांच साल की बच्ची 18 मार्च, 2024 को लापता हो गई थी। अगले दिन, अमित ने पीड़िता के पिता को फोन करके छह लाख रुपये की फिरौती मांगी और पुलिस को बताने पर बच्ची को जान से मारने की धमकी दी। जब फिरौती नहीं दी गई, तो उसने पर बच्ची का यौन उत्पीड़न किया और उसकी हत्या कर दी।
पीड़िता का शव 20 मार्च 2024 को रेलवे लाइन के पास एक सरसों के खेत से बरामद किया गया था। पोस्टमॉर्टम में गला घोंटने के निशान और यौन हमले के सबूत मिले।
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