पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सालबोनी में 1,600 मेगावाट के अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल ताप विद्युत संयंत्र की आधारशिला रखी और दावा किया कि यह राज्य में औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक बड़ा कदम है।
जेएसडब्ल्यू एनर्जी द्वारा 16,000 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित किये जाने वाले इस संयंत्र में 800 मेगावाट की दो इकाइयां होंगी।
पहली इकाई 42 महीने में तथा दूसरी 48 महीने में चालू होने की उम्मीद है।
यह जेएसडब्ल्यू समूह का पूर्वी भारत में ऊर्जा क्षेत्र में पहली ‘ग्रीनफील्ड’ परियोजना है।
बनर्जी ने इस अवसर पर कहा, यह एक ऐतिहासिक परियोजना है। मैं जिंदल समूह और उनके सभी अधिकारियों को बधाई देती हूं।
उन्होंने कहा, कुल 1,600 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी (दो चरणों में 800-800 मेगावाट) और इस पहल से 23 जिले लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को एक विशेष प्रकार की पर्यावरण-अनुकूल पहल बताया और इसे समय की मांग बताया।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से लगभग 15,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
बनर्जी ने बिजली की बढ़ती मांग का हवाला देते हुए यह भी घोषणा की कि राज्य में दो और बिजली इकाइयां विकसित की जाएंगी।
उन्होंने कहा, बंगाल को अधिक से अधिक बिजली की जरूरत है। हम उस मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, बढ़ती मांग के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए हम अपने बुनियादी ढांचे को लगातार उन्नत बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार देउचा-पचामी कोयला ब्लॉक परियोजना पूरी हो जाने पर बंगाल को बिजली की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने सालबोनी को समूह के लिए एक स्वप्न बताया और राज्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
जिंदल ने कहा, पिछले 10 वर्षों में राज्य ने बहुत विकास किया है। पश्चिम बंगाल में जो कुछ हो रहा है, उससे हर कोई खुश है। जमीन किसानों की है और यहां आने वाले उद्योगों से उन्हें लाभ मिलना चाहिए।
इस कार्यक्रम में क्रिकेटर सौरव गांगुली और तृणमूल कांग्रेस के सांसद दीपक अधिकारी भी मौजूद थे।
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