बलिया जिला मुख्यालय की कोतवाली पुलिस ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य सहित तीन कर्मियों के खिलाफ संस्थान में कार्यरत एक दलित महिला कर्मचारी का उत्पीड़न करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) क्षितिज त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यदेशक के पद पर कार्यरत एक महिला कर्मी के पति द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर संबंधित आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है।
पुलिस के अनुसार, बिहार के सासाराम जिले के पिपरी गांव के मिथिलेश कुमार की तहरीर पर बलिया शहर कोतवाली में बृहस्पतिवार को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य अमित कुमार द्विवेदी, रेडियो अनुदेशक रवींद्र सिंह और विद्युत अनुदेशक धनंजय सिंह के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 352 (सार्वजनिक शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 351 (3) (आपराधिक धमकी) व अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम के तहत नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि मिथिलेश कुमार ने तहरीर में उल्लेख किया है कि उसकी पत्नी अरुण कुमारी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यदेशक के पद पर कार्यरत है। वह गत 14 अक्टूबर को संस्थान में कार्य कर रही थी तो रेडियो अनुदेशक रवींद्र सिंह और विद्युत अनुदेशक धनंजय सिंह आए तथा जातिगत अपशब्द देते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेने का दबाव बनाया।
तहरीर में लगाए गए आरोपों के अनुसार, उसकी पत्नी अरुण कुमारी ने इसकी शिकायत जब संस्थान के प्रधानाचार्य अमित कुमार द्विवेदी से की तो उन्होंने भी जातिगत अपशब्द कहा।
उन्होंने शिकायत की है कि उसकी पत्नी को नौकरी न छोड़ने पर उसका सीआर (कैरेक्टर रोल) खराब करने और जान से मारने की धमकी दी गई है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
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