बेल्जियम की अदालत ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर मंजूरी दे दी है. चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी, दोनों ही पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मामले में भारत में वांटेड हैं. सूत्रों के अनुसार, अदालत ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को सही ठहराते हुए एक प्रारंभिक आदेश जारी किया है. एंटवर्प (बेल्जियम) की एक अदालत ने यह आदेश दिया और उसकी गिरफ्तारी को भारत के अनुरोध के आधार पर वैध करार दिया है. यह फैसला भारत के लिए चोकसी को वापस लाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
हाई कोर्ट में अपील का मौका
हालांकि, अधिकारियों के अनुसार चोकसी के पास अभी ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प मौजूद है. एक अधिकारी ने कहा, “इसका मतलब है कि वह तुरंत भारत नहीं लाया जाएगा, लेकिन प्रक्रिया का पहला और बहुत अहम चरण पार हो गया है.’
दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर कोर्ट का फैसला
एंटवर्प कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय पक्ष की ओर से बेल्जियम के अभियोजकों और चोकसी की कानूनी टीम की दलीलें सुनीं. अदालत ने माना कि भारत का प्रत्यर्पण अनुरोध और चोकसी की गिरफ्तारी वैध है.
जमानत के सभी प्रयास नाकाम
65 वर्षीय मेहुल चोकसी को 11 अप्रैल को एंटवर्प पुलिस ने सीबीआई के प्रत्यर्पण अनुरोध पर गिरफ्तार किया था. वह पिछले चार महीने से बेल्जियम की जेल में बंद है. चोकसी ने कई अदालतों में जमानत के लिए याचिकाएं दायर कीं, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज कर दी गई.