Asaduddin Owaisi on Kiren Rijiju: एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार (7 जुलाई 2025) को अल्पसंख्यकों को लेकर लिखे लेख पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि किरेन रिजिजू भारतीय मुसलमानों असलियत को नहीं दिखा रहे हैं, बल्कि वे भारत के मुसलमानों की मौजूदा सूरते हाल को नजरअंदाज कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इंडियन एक्सप्रेस के आर्टिकल में लिखा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय की तुलना में अधिक लाभ और सुरक्षा मिलती है. इसके जवाब में हैदराबाद के सांसद ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “आप एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं, साथ ही ये भी लिखा कि अल्पसंख्यकों के अधिकार मौलिक अधिकार हैं, दान नहीं.“
उन्होंने पूछा, “क्या मुसलमानों को हर दिन पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, जिहादी या रोहिंग्या कहलाना लाभ है? क्या लिंच किया जाना सुरक्षा है? क्या हमारे घरों, मस्जिदों और मजारों को अवैध रूप से बुलडोजर से ढहाए जाते देखना एक विशेषाधिकार है? सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से अदृश्य बना दिया जाना? क्या भारत के प्रधानमंत्री के नफरत भरे भाषणों का निशाना बनना सम्मान है? भारत के अल्पसंख्यक अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं हैं. हम बंधक हैं.“
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “भारतीय मुसलमान ही एकमात्र ग्रुप हैं जिनके बच्चे अब अपने माता-पिता या दादा-दादी से भी बदतर स्थिति में हैं. अंतर-पीढ़ीगत गतिशीलता उलट गई है. मुस्लिम बहुल क्षेत्र बुनियादी सेवाओं से सबसे अधिक वंचित हैं. हम दूसरे देशों के अल्पसंख्यकों के साथ तुलना करने की मांग नहीं कर रहे हैं. हम बहुसंख्यक समुदाय को मिलने वाली राशि से अधिक की मांग नहीं कर रहे हैं. हम संविधान की ओर से दिए गए उन वादों की मांग कर रहे हैं जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय शामिल है.”
इसके बाद ओवैसी को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पूछा, “हमारे पड़ोसी देशों से अल्पसंख्यक भारत आना क्यों पसंद करते हैं और हमारे अल्पसंख्यक पलायन क्यों नहीं करते? प्रधानमंत्री की कल्याणकारी योजनाएं सभी के लिए हैं. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की योजनाएं अल्पसंख्यकों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करती हैं.”
इसके जवाब में ओवैसी ने फिर लिखा कि ना हम अंग्रेजों से भागे ना विभाजन के दौरान, ना हम दंगो के दौरान भागे. उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यकों के खिलाफ माननीय मंत्री के अनुसार, अगर हम पलायन नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि हम खुश हैं. दरअसल, हमें पलायन करने की आदत नहीं है: हम अंग्रेजों से नहीं भागे, हम विभाजन के दौरान नहीं भागे और हम जम्मू, नेल्ली, गुजरात, मुरादाबाद, दिल्ली आदि नरसंहारों के कारण नहीं भागे.”
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