लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लकरुक ने रविवार (19 अक्टूबर, 2025) को कहा कि लद्दाख के प्रतिनिधि 22 अक्टूबर को दिल्ली में गृह मंत्रालय की उप-समिति के साथ बातचीत करेंगे. लकरुक ने यहां संवाददाताओं को बताया कि LAB और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के तीन-तीन प्रतिनिधि, लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा जान के साथ वार्ता में हिस्सा लेंगे.
उन्होंने बताया कि वार्ता के दौरान संविधान की छठी अनुसूची के तहत केंद्र शासित प्रदेश के लिए राज्य का दर्जा और सुरक्षा उपायों की उनकी प्राथमिक मांग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘गृह मंत्रालय ने हमें बताया कि उप-समिति की बैठक 22 अक्टूबर को निर्धारित है और इसमें LAB और KDA, दोनों को आमंत्रित किया गया है. हम भारत सरकार की ओर से हमें आमंत्रित करने के निर्णय का स्वागत करते हैं और वार्ता के सकारात्मक नतीजे की उम्मीद करते हैं.’
NSA के तहत सोनम वांगचुक की हिरासत
लेह में 24 सितंबर को तब व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे, जब लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांगों पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए LAB की ओर से बंद का आह्वान किया गया था.
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पों में चार लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हो गये थे, जबकि दंगों में कथित संलिप्तता के लिए 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था. आंदोलन का मुख्य चेहरा, कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को भी कठोर NSA के तहत हिरासत में लिया गया था.
LAB और KDA कर रहे आंदोलन का नेतृत्व
NSA के तहत अधिकतम हिरासत अवधि 12 महीने है, हालांकि इसे पहले भी रद्द किया जा सकता है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, 20 जुलाई को बातचीत का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. LAB और KDA राज्य का दर्जा और केंद्र शासित प्रदेश में छठी अनुसूची के विस्तार के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.
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