
मुख्य बिंदु:
1. रंगे हाथ पकड़ा गया लेखपाल – खेत की पैमाइश के बदले 50 हजार की रिश्वत मांगने का आरोप।
2. सहयोगी समेत गिरफ्तारी – 10 हजार रुपये लेते वक्त एंटी करप्शन टीम ने दबोचा।
3. अधिकारियों की चुप्पी – गिरफ्तारी के बाद एसडीएम व तहसीलदार ने बनाई दूरी।
मेरठ – एंटी करप्शन की टीम ने बुधवार को तहसील मवाना में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लेखपाल मुकम्मिल और उसके निजी सहयोगी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि लेखपाल ने दो किसानों से खेत की पैमाइश कराने के बदले 50 हजार रुपये की मांग की थी।
तीन महीने से जलालपुर जोरा में तैनात लेखपाल मुकम्मिल ने वीरपाल और मनोज नामक किसानों की जमीन गलत तरीके से पड़ोसी गांव के अन्य व्यक्तियों को दे दी थी। जब किसानों ने विरोध किया तो वह पैमाइश सही कराने के बदले रिश्वत मांगने लगा। शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन टीम ने तहसील परिसर में जाल बिछाया और योजनाबद्ध तरीके से लेखपाल को रिश्वत लेते दबोच लिया।
गिरफ्तारी के बाद टीम ने आरोपियों को थाने ले जाकर पूछताछ की और मामला दर्ज कर लिया। इस कार्रवाई के बाद एसडीएम प्रतीक्षा सिंह और तहसीलदार रणविजय सिंह ने मामले से दूरी बना ली, जिससे प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।