कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार (19 अक्टूबर, 2025) को लोगों को सनातनियों से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हुए भाजपा के वैचारिक केंद्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और संघ परिवार से सतर्क रहने की चेतावनी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि इन संगठनों ने ऐतिहासिक रूप से बीआर अंबेडकर और उनके नेतृत्व में बनाए गए संविधान का विरोध किया था.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नागरिकों से समाज में प्रगतिशील और तर्कसंगत ताकतों के साथ जुड़ने की अपील की. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘अपना साथ सही लोगों से रखें. ऐसे लोगों से जुड़े जो समाज के लिए खड़ें हों, उन लोगों से नहीं जो सामाजिक बदलाव का विरोध करते हैं या सनातनी विचारधारा से जुड़े हैं.’
CJI पर जूता फेंकने की घटना का किया जिक्र
मुख्यमंत्री ने हाल ही में हुए एक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर एक शख्स ने जूता फेंकने की कोशिश की थी. उन्होंने इसे समाज में गहराई से जड़ जमा चुकी रूढ़िवादी सोच की प्रतीक करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘यह सच्चाई कि एक सनातनी ने सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश की, यह दर्शाता है कि सनातनी और कट्टरपंथी तत्व आज भी समाज में मौजूद हैं. इस घटना की निंदा सिर्फ दलितों को ही नहीं बल्की सभी को करनी चाहिए. तभी हम कह सकते है कि समाज बदलाव के रास्ते पर आगे बढ़ रहे है.’
RSS ने हमेशा अंबेडकर की सोच को दी चुनौती
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और संघ परिवार ने हमेशा बीआर अंबेडकर की सोच का विरोध किया है और आज भी उनके संविधान के मूल्यों को चुनौती दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘वे इस झूठ फैला रहे हैं कि कांग्रेस ने अंबेडकर को चुनाव में हराया. लेकिन सच्चाई अंबेडकर ने अपने हाथों से लिखी है कि विनायक दामोदर सावरकर और श्रीपद अमृत डांगे ने मुझे हराया. ऐसे सच समाज के सामने लाने जरूरी हैं ताकि संघ परिवार के झूठ का पर्दाफाश किया जा सके.’
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