
शिक्षा विभाग में ट्रांसफर घोटाले की एक और परत उजागर
बुलंदशहर | विशेष रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में पारस्परिक स्थानांतरण के नाम पर रिश्वतखोरी का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा। इस बार मामला सामने आया है बुलंदशहर जिले की एक सहायक अध्यापिका पूजा यादव का, जिनकी वर्तमान पोस्टिंग ब्लॉक सिकंदराबाद में है।

पूजा यादव ने खुद मेरठ और बागपत में ट्रांसफर के लिए इच्छुक अध्यापकों को 3 लाख रुपये तक की ‘प्रोत्साहन राशि’ देने की पेशकश की है। उनका मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक रूप से साझा किया गया है – 9897700703, जिससे साफ़ है कि यह सौदा पूरी तरह योजनाबद्ध है।
शिक्षक बनें दलाल या व्यापारी?
जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, वहीं अब ट्रांसफर के नाम पर खुली रिश्वत की बोली लगाई जा रही है। यह गंभीर प्रश्न है कि अगर शिक्षक ही इस तरह नियमों को ताक पर रखकर व्यवस्था को भ्रष्ट करेंगे, तो छात्रों को नैतिकता का पाठ कौन पढ़ाएगा?
सरकार से कार्रवाई की मांग
यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के उस अभियान को सीधी चुनौती है जिसमें पारदर्शी स्थानांतरण प्रक्रिया की बात कही जाती रही है। अगर ऐसे मामलों पर जल्द और कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो ये घोटाला प्रदेश भर में एक महामारी की तरह फैल सकता है।
क्या कहता है कानून?
सरकारी सेवा में इस तरह ‘भेंट’ या ‘प्रोत्साहन राशि’ की पेशकश न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक अपराध भी है।