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congress rajya sabha member kapil sibal gave a statement over vice president jagdeep dhankhar remarks on supreme court

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Kapil Sibal on Vice President’s Remarks : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ‘संसद सुप्रीम है’ को लेकर दिए गए बयान के बाद अब राज्यसभा में कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उनके बयानें पर जवाब दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि, ‘न संसद बड़ा है और न हीं कार्यपालिका बड़ी है.’

सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. एक्स पर अपने पोस्ट में कपिल सिब्बल ने कहा, “कानून के तहत न तो संसद सर्वोच्च है और न कार्यपालिका. संविधान सर्वोच्च है.’ उन्होंने कहा, “संविधान में हर प्रावधान की व्याख्या सुप्रीम कोर्ट करता है औऱ अब तक इस देश में इसी तरह से कानून को पूरी तरह से समझा गया है.” हालांकि, राज्यसभा सांसद ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का नाम कहीं पर नहीं लिया.

कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता कपिल सिब्ब्ल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाल ही में कई ऐसे फैसले लिए गए है, जिनका भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आलोचना की है. हालांकि, वे सभी फैसले हमारे देश के संवैधानिक मूल्यों के मुताबिक हैं और इस राष्ट्र के हित में हैं.

सुप्रीम कोर्ट के हर फैसला राष्ट्र हित में है- कपिल सिब्बल

एक अन्य एक्स पोस्ट में सिब्बल ने कहा, “संसद के पास देश के लिए कानून बनाने का पूर्ण अधिकार है और संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत देश के उच्चतम न्यायालय की यह जिम्मेदारी है कि वह संविधान की व्याख्या करे और संविधान के सभी कानूनों के तहत पूर्ण न्याय करे.” उन्होंने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने अब तक जो भी कहा है वह हमारे संवैधानिक मूल्यों के मुताबिक है और पूरे तरह से राष्ट्र के हित में रहा है.”

उपराष्ट्रपति के टिप्पणी के बाद आया कपिल सिब्बल का बयान

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का यह बयान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की न्यायपालिका पर दिए गए बयान के बाद आया है. उपराष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “अगर इस देश का नागरिक लोकतंत्र की आत्मा है तो इसके चुने हुए प्रतिनिधि इसके अल्टिमेट मास्टर है जो यह तय करते हैं कि संविधान में क्या होना चाहिए.” उन्होंने कहा, “संविधान में संसद के ऊपर किसी भी प्राधिकारण को स्थान नहीं दिया गया है.”





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