Jammu Kashmir Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर आतंकवादियों ने हमला कर दिया. इसमें 26 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी करीब दो हफ्ते पहले ही भारत में दाखिल हो गए थे. आतंकी पीर पंजाल से वधावन होते हुए पहलगाम पहुंचे. आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊद अरब दौरे से लौट आए. वहीं बुधवार सुबह एनआईए की टीम श्रीनगर पहुंच गई.
दरअसल पहलगाम की बैसरन घाटी को मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है. यह जगह बेहद खूबसूरत होने की वजह से पर्यटकों को काफी पसंद आती है. मंगलवार को भी काफी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे, लेकिन वे इस बात से अनजान थे कि यह उनकी जिंदगी का सबसे खौफनाक मंजर हो सकता है. उनकी खुशी पल भर में मातम में तब्दील हो जाएगी. आतंकियों ने पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा और फिर कलमा पढ़ने को कहा. इसके बाद गोली मार दी.
किसने ली पहलगाम हमले की जिम्मेदारी –
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली है. लश्कर और ओवर ग्राउंड वर्कर की भी मदद ली गई. टीआरएफ के ये आतंकी हिट एंड रन की तकनीक पर काम करते हैं. आतंकियों ने पहले घाटी में रेकी की होगी और इसके बाद पर्यटकों को निशाना बनाया.
आतंकियों ने किस रास्ते से भारत में ली एंट्री –
रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी भारत में दो हफ्ते पहले ही आ गए थे. आतंकियों ने पीर पंजाल की पहाड़ियों से होते हुए राजौरी और फिर वधावन का रास्ता चुना. इसके बाद पहलगाम पहुंचे. इस इलाके में बड़ी संख्या में गुज्जर बकरवाल की आबादी है.
सीसीएस बैठक में शामिल होंगे प्रधानमंत्री मोदी –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊद अरब से लौटने के बाद सबसे पहले हमले से जुड़ी जानकारी ली. एनएसए अजीत डोवाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव ने पहलगाम हमले से जुड़ी ब्रीफिंग प्रधानमंत्री मोदी को दी. प्रधानमंत्री अब जल्द ही सीसीएस की बैठक में हिस्सा लेंगे.
प्रारंभिक जांच में क्या-क्या आया सामने –
- कुछ आतंकियों के हेलमेट पर कैमरे लगे थे.
- आतंकियों ने हमले की वीडियोग्राफी की और उसे अपने आकाओं के पास भेजी.
- तीन आतंकवादियों ने पुरुष और महिलाओं को अलग किया.
- फिर पहचान सुनिश्चित की गई की हिन्दू हैं या मुसलमान.
- सारे आतंकी सामने नहीं आए थे.
- कुछ लोगों को आतंकवादियों ने स्नाइपर फायर की तरह दूर से भी गोली मारी.
- कई लोगों की जान खून ज़्यादा बह जाने के कारण गई.
- ऐसा लगता है कि हमले के लिए इस जगह को जानबूझकर चुना गया था.
- जगह की वजह से बचाव में समय लगेगा और इसलिए हताहतों की संख्या ज्यादा होगी.
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