25 अप्रैल को होने जा रही बिहार लोकसेवा आयोग (BPSC) की मुख्य परीक्षा को रोकने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. याचिकाकर्ताओं ने प्रिलिम्स परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उसे दोबारा करवाने की मांग की थी. जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप को सही नहीं माना.
जजों ने कहा है कि कोचिंग सेंटर की तरफ से छात्रों को तैयारी के लिए दिए गए कुछ प्रश्नों के परीक्षा के प्रश्न पत्र में भी होने को गड़बड़ी नहीं कहा जा सकता. जस्टिस मनमोहन ने कहा कि जब वह कानून की पढ़ाई कर रहे थे, तब कॉलेज के बाहर एक दुकानदार संभावित सवालों की किताब बेचा करता था. हर परीक्षा में उसमें से कुछ सवाल आ जाते थे.
जजों ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता खुद एक परीक्षा केंद्र में प्रश्न पत्र लीक का आरोप लगा रहे हैं. वहां पहले ही दोबारा परीक्षा करवाई जा चुकी है. याचिकाकर्ता के लिए पेश वरिष्ठ वकीलों कॉलिन गोंजाल्विस और अंजना प्रकाश ने कुछ वीडियो का हवाला दिया जिनमें कथित तौर पर परीक्षा केंद्र पर लाउडस्पीकर के ज़रिए सवालों के जवाब बताए जा रहे थे. जजों ने इसे भरोसेमंद सबूत नहीं माना.
कोचिंग सेंटर के सवालों के परीक्षा में पूछे जाने की बात पर भी कोर्ट ने टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा, ‘हर कोई खुद को असुरक्षित समझ रहा है. इसी आधार पर आरोप लग रहे हैं. लेकिन हमें समझना होगा कि परीक्षा पत्र बनाने वालों का स्तर भी कोई बहुत ऊंचा नहीं होता. हर बात को संदेह से देखना सही नहीं है.’
13 दिसंबर, 2024 को हुई BPSC की 70वीं प्रिलिम्स परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगा कर छात्रों ने व्यापक विरोध किया था. आयोग ने बापू परिसर नाम के केंद्र से परीक्षा देने वालों के लिए दोबारा परीक्षा का आयोजन किया. लेकिन आंदोलनकारी सब के लिए दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे थे. पिछले महीने पटना हाई कोर्ट ने यह मांग ठुकरा दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी है.