Russia On Nuclear Weapon: इस वक्त पूरी दुनिया में टैरिफ को लेकर हलचल मची हुई है. टैरिफ वार के बीच रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने एक खतरनाक चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि परमाणु हथियारों को हासिल करने की होड़ तेज हो रही है. आने वाले सालों में दुनिया के कई देश परमाणु हथियार हासिल कर लेंगे. इससे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ता जाएगा. पश्चिमी देशों की आक्रामक नीतियों और यूक्रेन के साथ मिलकर रूस के खिलाफ Proxy War ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जो परमाणु संतुलन के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मेदवेदेव ने अपने बयान में विशेष रूप से “न्यू स्टार्ट संधि” का जिक्र किया, जिसे उन्होंने 2010 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिलकर प्राग में साइन किया था. इस संधि का मसकद रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करना था, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु हथियारों की संख्या के प्रति विश्वास और पारदर्शिता बढ़ाना, परमाणु युद्ध के जोखिम को कम करना आदि था. हालांकि, ये संधि अगले साल 2026 में खत्म होने वाली है. इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि इस संधि पर दोबारा से कोई बातचीत होगी या नहीं.
फ्रांस-ब्रिटेन पर निशाना
मेदवेदेव ने ब्रिटेन और फ्रांस के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि दोनों देश परमाणु हथियारों को लेकर आक्रामक बातें कर रहे हैं, जिससे वैश्विक शांति खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों की रणनीतिक क्षमता सीमित है, लेकिन उनके राजनीतिक बयानबाजी से परमाणु संतुलन डगमगा सकता है.
बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई बार परमाणु युद्ध की धमकी दी है. साल 1945 में अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा-नागासाकी पर परमाणु बम से हमला किया था, जिसमें लाखों लोगों की मौत हो गई थी.
दुनिया में परमाणु हथियारों की वर्तमान स्थिति
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में 12 हजार से ज्यादा परमाणु हथियार हैं. इसमें से 88 फीसदी से ज्यादा सिर्फ अमेरिका और रूस के पास है.
देश अनुमानित परमाणु हथियार
रूस 5,889
अमेरिका 5,244
चीन 410
फ्रांस 290
ब्रिटेन 225
पाकिस्तान 170
भारत 164
इजरायल 90
उत्तर कोरिया 30–40