बांग्लादेश अब तक भारत की जमीन के जरिए कई देशों से व्यापार कर रहा था, इसके लिए जो सुविधा उसको दी गई थी भारत सरकार ने उसे बंद कर दिया है. सरकार ने यह कदम बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के उस बयान के बाद उठाया है, जिसमें उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र कर चीन से आर्थिक विस्तार की अपील की थी. एक्सपर्ट्स ने सरकार के इस फैसले पर कहा कि भारत बांग्लादेश के हितों का ख्याल रखता है, लेकिन चिकन नेक को लेकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जा रहा है, जो भारत के इस कदम की वजह हो सकता है.
भारत साल 2020 से बांग्लादेश को ट्रांसशिपमेंट की सुविधा दे रहा है, जिसके जरिए बांग्लादेश नेपाल, म्यांमार और भूटान को सामान एक्सपोर्ट करता है. बांग्लादेशी एक्सपोर्ट कार्गो को कंटेनर और बंद ट्रकों में रखकर भारतीय जमीन यानी इंडियन लैंड कसटम्स स्टेशंस (LCSs) मार्ग से इन देशों के बंदरगाहों या एयरपोर्ट पर पहुंचाया जाता है.
मोहम्मद यूनुस ने पिछले महीने चीन दौरे में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का हवाला देते हुए चीन से समंदर के जरिए व्यापार की अपील की थी क्योंकि ये राज्य लैंडलोक्ड हैं और उन्होंने बांग्लादेश को इस इलाके में अकेला समुद्र संरक्षक बताया था. इसके अलावा बांग्लादेश में चिकन नेक में चीन के एयरफील्ड बनाए जाने की भी चर्चा है, जिसके लिए बांग्लादेश ने चीन को प्रत्यक्ष सैन्य सहयोग के लिए आमंत्रित किया है. मोहम्मद यूनुस ने चीन से ये भी कहा था कि वह बांग्लादेश में चीजों का उत्पादन करके दूसरे देशों को भेज सकते हैं.
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने भारत सरकार के एक्शन पर कहा कि ट्रांसशिपमेंट को लेकर नया सर्कुलर तत्काल प्रभाव से लागू होगा, लेकिन जो बांग्लादेशी कार्गो इंडियन टेरिटरी में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें मौजूदा व्यवस्था के अनुसार बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी. GTRI के पूर्व ट्रेड ऑफिसर और प्रमुख अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत लगातार बांग्लादेश के हितों का ख्याल रख रहा है.
उन्होंने बताया कि भारत बांग्लादेश के साथ वन वे टैरिफ व्यवस्था के तहत व्यापार करता है. भारत ने करीब दो दशकों से बांग्लादेश को जीरा-टैरिफ की सुविधा दी है. उन्होंने कहा कि सिगरेट और शराब के अलावा बाकी बांग्लादेशी सामानों पर भारत टैरिफ नहीं लगाता है. भारत बांग्लादेश से कपड़ा, फार्मास्युटिकल्स, चमड़ा और चमड़े का सामान मंगाता है. वहीं, बांग्लादेश चावल, गेहूं, प्याज, लहसुन, चीनी, कॉटन, अनाज, रिफाइंड पेट्रोलियम, इलेक्ट्रिक उपकरण, प्लास्टिक और इस्पात के लिए भारत पर निर्भर है.
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