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Pahalgam Terror Attack India Suspended Indus Water Treaty Nishikant Dubey says This Is 56 Inch Chest

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Nishikant Dubey On Suspension Indus Water Treaty: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत की ओर से रिएक्शन शुरू हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई सीसीएस बैठक में कई महत्वपूर्ण लिए गए, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल है. इसको लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सरकार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि ये पाकिस्तानी पानी के बिना मर जाएंगे. ये 56 इंच के सीने का कमाल है.

दुबे की 56 इंच की छाती वाली टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ में थी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने कहा, “सांप को पानी पिलाने वाले समझौते के नायक नेहरू जी जिन्होंने 1960 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के चक्कर में सिंधु, रावी, व्यास, चिनाब, सतलुज का हमारा पानी पिलाकर हिंदुस्तानी का खून बहाया, आज मोदी जी ने दाना पानी बंद कर दिया. बिना पानी के पाकिस्तानी मरेंगे. यह है 56 इंच का सीना. हुक्का पानी, दाना पानी बंद. हम सनातनी बीजेपी के कार्यकर्ता हैं, तड़पा-तड़पा कर मारेंगे.”

क्या है सिंधु जल संधि?

सिंधु जल संधि को भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव की पृष्ठभूमि में दुनिया की सबसे सफल जल-बंटवारे संधियों में से एक माना गया. इसकी मध्यस्थता विश्व बैंक ने की. सिंधु प्रणाली में छह प्रमुख नदियां शामिल हैं – सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज. समझौते के तहत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज (पूर्वी नदियां) पर विशेष अधिकार मिले जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब (पश्चिमी नदियां) पर नियंत्रण मिला.

दशकों पुरानी इस संधि के तहत भारत को पाकिस्तान की जल आपूर्ति को प्रभावित किए बिना सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए पश्चिमी नदियों के सीमित उपयोग की अनुमति थी. युद्धों और राजनीतिक तनावों के बावजूद, इस समझौते को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर मतभेद देखने को मिले, खासतौर से साझा नदी सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर.

पाकिस्तान को चिंता है कि भारत की ओर से नियोजित जलविद्युत बांधों से नदी का प्रवाह कम हो जाएगा, जो उसकी 80 प्रतिशत सिंचित कृषि को पोषण देती है. पिछले कई सालों से, उसने एक तटस्थ विशेषज्ञ और फिर मध्यस्थता अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

पाकिस्तानियों की भारत में एंट्री भी बैन

सिंधु जल संधि को निलंबित करने के कदम के अलावा, सरकार ने अटारी-वाघा चेकपोस्ट को बंद करने, सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत में पाकिस्तानी नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने, पाकिस्तानी उच्चायोग में सैन्य सलाहकारों को अवांछित घोषित करने के साथ-साथ दिल्ली में पाकिस्तान की राजनयिक उपस्थिति को घटाकर 30 करने की घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की 2.5 घंटे लंबी बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया था.

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