प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने QFX/YFX/YORKERFX/BotBro Forex घोटाला मामले में शनिवार (30 अगस्त, 2025) को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले में करीब 9.31 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच कर दिया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसी हफ्ते मंगलवार (26 अगस्त, 2025) को पीएमएलए एक्ट के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया है.
फ्लैट्स, प्लॉट्स और कई एकड़ कृषि भूमि को किया अटैच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उसमें 45 फ्लैट्स, प्लॉट्स और कई एकड़ कृषि भूमि शामिल है. यह संपत्तियां उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक फैली हुई है. इसके अलावा कई बैंकों में पड़े नकद बैलेंस भी सीज किए गए हैं. ये सारी संपत्तियां क्यूएफएक्स घोटाले (QFX Scam) के आरोपी नवाब उर्फ लैविश चौधरी, उसके पार्टनर राजेंद्र कुमार सूद और उनके एजेंट्स-परिवार के नाम पर खरीदी गई थी.
फरवरी और जुलाई की कार्रवाई में ईडी ने 194 बैंक खातों में पड़े 394 करोड़ किए थे सीज
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में इस बात का खुलासा किया गया है कि साल 2019 से 2025 के बीच QFX ग्रुप ने Ponzi-cum-MLM स्कीम चलाकर हजारों लोगों से निवेश कराया. कंपनी ने निवेशकों को 5-6 परसेंट तक का मासिक रिटर्न का झांसा दिया, लेकिन असल में कोई ट्रेडिंग हुई ही नहीं. निवेशकों का पैसा अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में घुमाकर आगे रियल एस्टेट और फैमिली प्रॉपर्टीज में लगाया गया.
इससे पहले फरवरी और जुलाई 2025 में भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने QFX ग्रुप पर छापेमारी कर 194 बैंक अकाउंट्स सीज किए थे, जिनमें कुल 394 करोड़ रुपये पड़े थे. हालांकि, ईडी के इस हफ्ते की कार्रवाई में जो संपत्तियां अटैच की गईं है, वो उसी कार्रवाई का अगला स्टेप है.
देश के कई राज्यों में दर्ज कराए गए एफआईआर
QFX Scam को लेकर देशभर में कई एफआईआर दर्ज कराए गए हैं. जिनमें हिमाचल, असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा शामिल है. ईडी का कहना है कि अभी तक जुटाए गए सबूत साफ दिखाते है कि निवेशकों से धोखे से पैसा जुटाकर अलग-अलग कंपनियों में निवेश किए गए और निजी संपत्तियों में लगाया गया, जिससे कि पैसे के असली सोर्स को छिपाया जा सके.
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