Home » Blog » RSS leader Sunil Ambekar reaction on Marathi Language Row operation sindoor and Constitution ann | मराठी भाषा विवाद पर आरएसएस का बड़ा बयान, सुनील आंबेकर बोले

RSS leader Sunil Ambekar reaction on Marathi Language Row operation sindoor and Constitution ann | मराठी भाषा विवाद पर आरएसएस का बड़ा बयान, सुनील आंबेकर बोले

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संघ की अखिल भारतीय स्तर की प्रांत प्रचारक बैठक खत्म होने के बाद दिल्ली में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस वार्ता के दौरान तमाम सवालों और मुद्दों पर आरएसएस के रूख को स्पष्ट किया है. प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया के तमाम सवालों का जवाब भी सुनील आंबेकर ने दिया है.

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो देश में घटनाएं हुई, उसको लेकर चर्चा हुई है. किस तरह आतंक की घटना के बाद उसका जवाब दिया, उसको लेकर चर्चा हुई. कई देशों के हिन्दू मंदिरों पर हमले को लेकर चर्चा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी विषयों पर चर्चा हुई है, लेकिन इस बैठक में कोई फैसला नहीं होता है.

धर्मांतरण पर क्या बोले सुनील आंबेकर?

सुनील आंबेकर ने भाषा विवाद पर हुए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि संघ की हमेशा से भूमिका है कि भारत की सभी भाषा राष्ट्रीय भाषा है. सभी लोग पहले से अपनी भाषा में शिक्षा लेते हैं और पहले से ये बात स्थापित है. वहीं धर्मांतरण पर उन्होंने कहा कि अपने तरीके से पूजा करने का अधिकार है, लेकिन षडयंत्र या लालच देकर कोई किसी के मत परिवर्तन कराने का प्रयास करता है तो गलत है. समाज इसे रोकने का प्रयास करता ही है.

कांग्रेस की तरफ से संघ बैन करने के बयानों पर उन्होंने कहा कि संघ पर पहले भी बैन लगाया गया और फिर वापस लेना पड़ा. वो कानूनन वैध नहीं था, इसलिए वापस लेना पड़ा था. अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालने के सवाल पर उन्होंने कहा कि संघ के कार्यकर्ता निरंतर काम कर रहे हैं. हमने पहले भी जागृति का काम किया है, अब भी लगातार काम कर रहे हैं.

मणिपुर की स्थिति में आ रहा सुधार

मणिपुर की स्थिति पर उन्होंने कहा कि कभी भी जब कुछ विवाद होता है तो नॉर्मल होने में समय लगता है, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति में सुधार आ रहा है. वहीं नक्सलियों पर कार्यवाई पर उन्होंने कहा कि नक्सल हिंसात्मक षडयंत्र चल रहा था समाज में बात थी कि इसकी समाप्ति होनी चाहिए. लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से बात रखने का तरीका है. अच्छी बात है नक्सलवाद पर कार्यवाही हो रही है.

संविधान पर भी हुआ अत्याचार

सुनील आंबेकर ने आपातकाल के अलावा समाजवाद और सेक्युलरिज्म पर समीक्षा वाले सवाल पर कहा कि आपातकाल में जैसे जेलों में लोगों पर अत्याचार हुआ, वैसे संविधान पर भी अत्याचार हुआ है. जिन परिस्थितियों में संविधान बदला गया, वो अच्छी स्थिति नहीं थी. इस पर नई पीढ़ी को जानना चाहिए.

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