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US-China Tariff War Inflation will increase rate of shoes mattresses petrol-diesel what dragon and America buy from each other see full list

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US-China Tariff War: अमेरिका और चीन के बीच आर्थिक टकराव कोई नया मुद्दा नहीं है. 2018 से शुरू हुए व्यापार युद्ध में दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर वक्त-वक्त पर भारी टैरिफ लगाए. हालांकि अब यह विवाद एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, जब अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर टैरिफ को 125% तक बढ़ा दिया.

अमेरिका की तरफ से चीन के खिलाफ टैरिफ बढ़ोतरी करने का मुख्य मकसद घरेलू कंपनियों को निर्माण के लिए प्रेरित करना और चीनी सामान पर निर्भरता को कम करना है. ट्रंप का यह कदम केवल चीन ही नहीं, बल्कि अमेरिकी कंज्यूमर को भी प्रभावित करेगा, क्योंकि चीन से इम्पोर्ट होने वाला सस्ता सामान अब महंगा हो जाएगा. इससे अमेरिकी बाजार में महंगाई बढ़ सकती है.

अमेरिका चीन से क्या-क्या खरीदता है?
चीन, अमेरिका के सबसे बड़े निर्यातक देशों में से एक है. अमेरिकी बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की अच्छी-खासी सप्लाई चीन से होती है. इनमें खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान होते हैं, जिनमें स्मार्टफोन, कंप्यूटर, वीडियो गेम, लीथियम-आयन बैटरी आदि शामिल है.

होम डेकोर और फर्नीचर में लाइट फिक्स्चर, सीटें, गद्दे चीन से अमेरिका में निर्यात किए जाते हैं. टेक्सटाइल की बात करें तो स्वेटर, कपड़े और जूते अमेरिकी बाजार में बड़ी संख्या में चीन से पहुंचते हैं. अन्य प्रोडक्ट में प्लास्टिक के बने सामान मोटर गाड़ी के पुर्जे, पार्टी सजावट की चीजें, मेडिकल उपकरण आदि भी चीन एक्सपोर्ट करता है. अब टैरिफ बढ़ने से इन वस्तुओं की कीमत अमेरिका में बढ़ जाएगी.

चीन अमेरिका से क्या-क्या आयात करता है?
चीन न केवल अमेरिकी बाजार में सामान बेचता है बल्कि उनसे खरीदता भी है. चीन अमेरिकी एग्रीकल्चर प्रोडक्ट और इंडस्ट्रियल मशीनरी का प्रमुख खरीदार है. अमेरिका से चीन जाने वाली मुख्य सामानों में एग्रीकल्चर प्रोडक्ट, एनर्जी रिसोर्स, इंडस्ट्रियल मशीनरी, मेडिसिन समेत स्क्रैप कॉपर, एसाइक्लिक हाइड्रोकार्बन, एथिलीन पॉलिमर शामिल है. इन क्षेत्रों में अमेरिकी निर्यात पर अगर चीन कोई पलटवार करता है तो अमेरिकी कृषि और टेक कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है.

व्यापार पर प्रभाव 
2024 में अमेरिका और चीन के बीच व्यापार घाटा 295.4 बिलियन डॉलर रहा, जो 2023 की तुलना में 5.8% अधिक है. वहीं, अमेरिका से चीन को निर्यात में 2.9% की गिरावट आई, जबकि अमेरिका में चीनी सामान का आयात 2.8% बढ़ा. इस डेटा से स्पष्ट है कि विवाद से चीन को भी झटका लग रहा है, लेकिन अमेरिका में भी उपभोक्ता पर असर पड़ रहा है. अगर दोनों देश पीछे नहीं हटे तो यह व्यापार घाटा और ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता का खतरा पैदा हो सकता है.

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